झाड़ियों से सरसराहट की आवाज के बाद भले ही सबने एक दूसरे को साहस देने के लिए सब ठीक होने का इशारा किया था पर सबकी धड़कनों की रफ्तार बुलेट ट्रेन को पीछे छोड़ रही थी।
खैर!सबने एक लंबी सांस भरी और हम खाई की तरफ चल पड़े।
गांववालों की कहानियां,जंगल का वो दृश्य और झाड़ियों में किसी जानवर के होने के डर से ज़हन में जो ज्वारभाटा उठ रहे थे उनका बांध तब टूट गया,जब हमें पता चला कि पहाड़ी की चोटी जहां पर मधुमक्खियों के छत्ते थे,वहां पहुंचने के लिए हमें एक गुफा से होकर गुजरना था जो बाहर से सहजन(मोरंगा) के बेलों से ढकी हुई थी।
उस गुफा के ऊपर बेलों की हरियाली के बीच से धूप की चमकती किरणों की रोशनी पत्थरों से टकराकर हमारी आंखों को ऐसे चकाचौंध कर रही थी,मानो सूर्य की रोशनी समुंदर में शीप के मोती की शोभा बढ़ा रही हो।
घाटियों की वो खूबसूरती हमारे मन को भले ही लुभा रही थी पर गुफा के अंदर वो अंधेरा देख कर सबके कदम आगे बढ़ने से ठिठुक रहे थे।
अब चूंकि हमारी मंजिल शहद की मिठास से भरी हुई थी और हमारी कंपनी की शुद्धता पर आपका विश्वास बनाए रखने के लिए हम इतनी कठिनाइयों का सामना करते हुए इतनी दूर आ चुके तो हिम्मत कैसे हार जाते।
साथ के गांववालों के बताने पर सबने जरूरत पड़ने पर पहले से बनाई मशालें जलाईं जिससे गुफा के अंधेरे के साथ जानवरों से भी बचा जा सके,और सब साथ में झुंड बना कर गुफा की तरफ बढ़ने लगे...!!
अभी हम गुफा के अंदर कुछ ही दूर गए थे कि हमारे सामने वही समस्या आ खड़ी हुई जिसका हमें पहले से डर था।
मशालों की रोशनी में हम आगे बढ़ रहे थे की अचानक किसी काले रंग के बड़े बालों वाले जानवर ने झुंड में सबसे पीछे चल रहे गांव वाले के पीछे से उस पर अपने पंजों से हमला बोल दिया,उसके हमले से एक पल के लिए तो सब बर्फ की तरह जम गए पर हम संख्या में ज्यादा थे और हाथ में मशालें थीं जिनकी रोशनी में उसकी सिर्फ आंखे चमक रहीं थीं,हम सबने एक साथ मशालें आगे करके उसकी तरफ बढ़ना शुरू किया और उसे गुफा से बाहर निकालने में सफल रहे,फिर हमने साथ में लाए प्राथमिक उपचार पेटी( firsr aid box) से जख्मी हुए गांववाले का उपचार किया उसके बाद गुफा के दूसरी छोर पर निकलने के बाद उजाले में हमने देखा कि वो जानवर एक भारी शरीर का भालू था।
भालू को देख कर हमें ज्यादा आश्चर्य नहीं हुआ क्योंकि जिस जंगल में हम थे वहां शहद का भंडार था तो भालुओं का होना स्वाभाविक था।
खैर इतनी जद्दोजहद के बाद अब हमारी मंजिल हमारे सामने थी और वहां का नजारा हमारे जीवन के सारे अनुभवों से परे था।
मधुमक्खियों के उस बसेरे को देख कर हमें जितना आनंद की अनुभूति हो रही थी उससे कहीं ज्यादा आश्चर्य ये देख कर था कि पहाड़ी की चोटियों से वो सैकड़ों छत्ते ऐसे लटक रहे थे,जैसे सावन की पहली बरसात के बाद तारों पर लटकती बारिश की बूंदें सूरज की रोशनी में चमक रहीं हों।
कहते हैं कि प्रकृति हमारी माँ है और इसकी सुंदरता बनाए रखने के लिए जो प्रकृति की अभिन्न अंग हैं,उन मधुमक्खियों को शायद हमें मिली परेशानियों का आभास हो चुका था तो उन्होंने हमें ज्यादा परेशान नहीं किया और हमने अपनी टीम और साथ में आए गांववालों की मदद से सुरक्षा उपकरणों(Safety Kit) के साथ शहद निकालने की प्रक्रिया शुरू की उसके बाद आग और धुंए के सहारे मधुमक्खियों को हटाकर लार्वा को बचाते हुए(जिससे मधुमक्खियां दोबारा उसी जगह छत्ता लगा सकें)शहद से लबालब भरे उन छत्तों को काट कर इक्कठा किया और पहले से की गई उम्मीदों के अनुसार हम लगभग 1 टन(1000kg) शहद निकालने में सफल रहे।
इतनी पर्याप्त मात्रा में शहद निकालने के बाद सबकी आंखों में सफल हुई मेहनत की खुशी दिख रही थी,
जैसे - तैसे शहद को पहाड़ी के नीचे खड़ी जीप तक पहुंचाया और जीप पर शहद लेकर हम वापस चित्रकूट धाम के कर्वी स्टेशन आ गए जहां से ट्रांसपोर्ट के माध्यम से टीम के दो सदस्यों के साथ हमने शहद अपने उत्पादन कार्यालय (Manufacturing Office)की तरफ भेज दिया।
उसके बाद साथ आए 3 गांववालो से विदा लेकर हम अपने ग्राहकों के विश्वास को अटूट बनाए रखने के लिए उनकी आवश्यकता अनुसार उनके घर तक शुद्ध शहद पंहुचाने के लिए प्रतिबद्ध हम अपने टीम के बाकी दो सदस्यों विकास और गौरव के साथ उत्तराखंड की वादियों में स्थित रानीबाग की घाटियों में(जहां के भूतिया और डरावने किस्से आज भी किताबों के दर्ज हैं और लोगों से सुनने को मिलते हैं)वहां शहद की खोज के लिए निकल रहे हैं,जहां हमारी टीम के सदस्य राजन पहले से ही वहां के मूलनिवासियों से संपर्क बनाकर वहां पहुंच चुकें हैं और उनके बीच रहकर शहद के साथ प्रकृति की शुद्धता से परिपूर्ण अन्य उत्पादों के बारे में जानकारी इकट्ठा कर रहे हैं।
इस सफर में मिले अमूल्य अनुभवों को आपके साथ साझा करके हम अपने अगले सफर के लिए रानीबाग के लिए निकल पड़े हैं।जल्द ही मिलते हैं अगले सफर में मिलने वाले अनुभव के साथ।
तब तक के लिए हमारे साथ बने रहिए और हमारे प्रोडक्ट्स खरीदने के लिए हमारी वेबसाइट
www.royalbeebrothers पर जाइए।